नवरात्रि के पांचवे दिन मां दुर्गा के पांचवे स्वरूप मां स्कंदमाता की आराधना की जाती है। इनकी आराधना करने से भक्तों को संतान और धन की प्राप्ति होती है।
माता की पूजा से मोक्ष की प्राप्ति होती है। देवी के इस स्वरूप में सेवको और विद्वानों का पैदा करने की शक्ति है। स्कंद मां इतनी सरस है कि मां के चरणों में शरण लेने वाला कितना बड़ा पापी क्यों न हो, किंतु मां सबको अपने ममता के आंचल से ढ़क लेती है। और उसके सारे पाप और दोश को दूर करती है। मां स्कंदमाता की पूजा इस मंत्र से प्रारम्भ करनी चाहिए।
माता की पूजा से मोक्ष की प्राप्ति होती है। देवी के इस स्वरूप में सेवको और विद्वानों का पैदा करने की शक्ति है। स्कंद मां इतनी सरस है कि मां के चरणों में शरण लेने वाला कितना बड़ा पापी क्यों न हो, किंतु मां सबको अपने ममता के आंचल से ढ़क लेती है। और उसके सारे पाप और दोश को दूर करती है। मां स्कंदमाता की पूजा इस मंत्र से प्रारम्भ करनी चाहिए।
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